Tuesday, May 27, 2008

नन्ही परी

एक छोटी सी परी, हर रात अपने बाबा को तलाशती, बाबा कहानी सुनायेंगे
और कल खिलोने और टॉफी  लेने  का वादा देके जायेंगे|

हर रोज़ उसकी अम्मा, उसके उठने से पहले उसके सिरहाने एक टॉफी , रखती थी
बाबा आए थे छोड़ के गए तेरे लिए, काम पर चले गए हैं  कहती थी

सालों गुज़र गए  नन्ही परी बाबा को बस तस्वीर मैं ही देख  पाती थी
उस नन्हीं परी को अपने बाबा की याद बहुत सताती थी

अम्मा से बहुत पूछती की "कब मिलूंगी बाबा से ओ माँ"
कभी प्यार से कभी डांट से समझती थी माँ |

बाबा चले गए छोड़ के ये जग, नहीं बता पाती थी माँ
हर बार नया झूट नया बहाना बना देती थी उसकी माँ

नन्ही परी हुई बड़ी, पूछा दोस्तो ने की तुम्हारे बाबा हैं कहाँ
माँ से कुछ न पूछा परी ऊपर देखा और कह दिया दोस्तो को, वो हैं वहाँ

नन्ही परी बाबा की जल्दी ही हो गई थी सायानी
करती बातें ऐसे जैसे हो वो अपनी अम्मा की नानी

ख़ुद को अम्मा को संभाला नन्ही परी ने और रखा ख्याल
पर कभी न पूछा उसने अम्मा  से वो सवाल

वो नन्हीं परी पराये घर को शोभित कर रही हैं
अपनी आमा और बाबा का नाम वहाँ भी रोशन कर रही हैं

अम्मा अभी भी अपने पुराने घर  मैं  बाबा की यादो को गले हैं लगाती
और अपनी नन्ही परी को याद करके उसकी आंखें है  भर जाती |

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Bhilai/Kota/Mumbai, Chattisgarh/Rajasthan/Maharashtra, India
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