Saturday, May 15, 2010

kuch ajeeb

जिंदगी क्या है ? एक धोका , एक अंधी दौड़, एक छल, एक त्यौहार, एक उपहार, ख़ुशी और गमो से भरा एक तोहफा ..न जाने कितनी ही परिभाषाये लेके आ सकते हैं जिंदगी की,  पर जिंदगी की परिभाषा हर षण बदलती है,  आपकी मेरे से अलग होगी, गरीब की अमीर से, नेता की वोट देने वालो से, पुलिस की मुजरिम से और ऐसे ही .... ना जाने कितनी परिभाषाएं ना जाने कितने चहरे इस ज़िन्दगी के
इंसान वही परिभाषा मानता और अपनाता हैं जिस तरह की परिस्थितियों से वो रूबरू होके आता हैं......
लोग कहते हैं  ज़िन्दगी जिंदादिली का नाम हैं... पर क्या ये जिंदादिली  किसी किसी भूके के पेट को खाना दे सकती हैं - किसी बेघर को एक छत दे सकती हैं किसी अनाथ को ममता दे सकती हैं ......., जनाब ये सब बातें किताबी है की ज़िन्दगी जिंदादिली का नाम हैं
जब खुद पे आती है तो सब की हालत पतली हो जाती हैं, कैसे उस परिस्थिति से निकलू यही सोचते हैं,  कुछ एक आध व्यक्ति जो डटे रहते हैं वो दृढ संकल्पी होते हैं ऐसे आदमी करोड़ों  मैं कुछ एक आध ही होते हैं
आप जो हैं जो होंगे वो आपकी परिस्थिति पर निर्भर करता है, कहा जाता ही  सब कुछ उस ऊपर वाले के बनाये गए PLAN के तहत होता है, .....सवाल ये हैं की क्या  है वो प्लान ? क्या इतने बड़े संसार मैं सब व्यक्ति जीव जंतु पेड़ - पौधों  सब के के लिए ये PLAN बनाया हैं और बनाया हैं तो किसने ? कैसे? क्या ये प्लान change होता है  या इन्सान चाहे जितने हाथ-पैर मारे उसे वही मिलता है....और  वही उसका अंत होता हैं -जो विधि के विधान या बोलें इस PLAN मैं लिखा हैं ? क्या हो अगर ये प्लान लीक हो जाये मुझे मेरी ज़िन्दगी का, मेरे अस्तित्व का, मेरे वजूद  इन सब के  बारे मैं पता चल जाये, क्या करना है  क्या नहीं सब पता चल जायेगा व्यर्थ मैं अपना समय शक्ति और धन व्यय नहीं होगा .....जिदगी कितनी सरल हो जाएगी फिर कोई नहीं कहेगा ज़िन्दगी जटिल है ..हाँ...परन्तु सोचने लायक हैं की  ये हुआ तो ज़िन्दगी की १-२ परिभाषा  तो शर्तिया तौर पे ख़तम हो जायेंगी पर ना जाने कितनी सारी और जुढ जाएँगी .....मैं खुद से सवाल करता हूँ ये कई बार "क्या ज़िन्दगी को परिभाषित करने की आवशयकता भी हैं ? या ज़िन्दगी को सच्चे मन से जीना अपना १००% देना ही ज़िन्दगी हैं  ....
लगता हैं ज़िन्दगी एक पहेली हैं शायद ....(ये भी ज़िन्दगी की एक परिभाषा हैं )
बिरेन भाटिया

Saturday, January 30, 2010

ज़िन्दगी और हवा

धीमे धीमे से बहती हवा ....मज़ा देती हैं, ....अच्छी लगती हैं ....
यही मद्धम हवा जब तेज़ होती हैं तो ...तूफ़ान का रूप लेलेती हैं,
कुछ लोग ज़िन्दगी में मद्धम हवा की तरह आते हैं....
और कुछ आपकी ज़िन्दगी में तूफ़ान की tarah बदलाव लाते हैं....
ज़िन्दगी का जोगराफिया ही बदल डालते हैं, सब तेहस नहस कर जाते हैं....
आप जो हैं, जो होंगे ...आपके अस्तित्व को....आपके ज़मीर को टटोल जाते हैं
जन्दगी में कभी मद्धम हवा, कभी तूफ़ान और कभी रुकी सी हवा आ जाती हैं
ज़िन्दगी ऐसे ही तूफानों से गुज़र के शफा हो जाती हैं
कोई आपकी ज़िन्दगी में तूफ़ान लाता हैं या वो माधाम हवा बन जाता हैं
क्या आआप भी किसी की ज़िन्दगी में तूफ़ान लाये हैं ?
या उनको धीमे हवा सा अनुभव करवा पाए हैं

या फिर शांत ..रुकी सी हवा की तरह बिना कुछ kiye अपने आप में सिमट जाते हैं

the poison in me

My photo
Bhilai/Kota/Mumbai, Chattisgarh/Rajasthan/Maharashtra, India
I AM A Restless soul a dreamer .....wanna be the best ... ....singing,,, talking ,,,, chatting ,,,,, photography ,,, Sketching ...trekking. DRAMATICS (ACTING/Writing/Direction)....etc etc...these things define me ! Peace! Change the world