आँखें बंद करने से डरता हूँ , सोने से डरता हूँ
अँधेरे से नहीं न ही भूत से मैं सपनो से डरता हूँ |
ये सपने न जाने क्या क्या दिख्लायेंगे
zindagi को बदला बदला बतलायेंगे |
सपने हकीकत से परे हैं जो, हकीकत न जाने क्यों लगते हिईं वो
शायद कुछ आइसे सपे ही हम देखना चाहते हैं,इसीलिए ऐसे सपने आते हैं |
सपनो मैं क्यों हर चीज़ लगती है परायी मुझे, अपने तो कहीं दिखते ही नहीं मुझे
कभी क्या पूरे भी होतें हैं ये सपने , इनमें हरदम ढूँढा करता हूँ मैं आपने |
दोस्त, साथी कोई भी बस आपने जैसा हो
मैं चाहता हूँ मेरा हर सपना बस ऐसा ही हो|
गर देखता हूँ मैं कोई ऐसा सपना, जिसमें दिखे मुझे कोई अपना
तो लगता हैं मुझको ये डर कहीं सपना टूट न जाये और zindagi बन जाये फिर से बंजर |
इसलिए मैं आँखें बंद करने से डरता हूँ , सोने से डरता हूँ
अँधेरे से नहीं न ही भूत से मैं सपनो से डरता हूँ |
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the poison in me
- Biren
- Bhilai/Kota/Mumbai, Chattisgarh/Rajasthan/Maharashtra, India
- I AM A Restless soul a dreamer .....wanna be the best ... ....singing,,, talking ,,,, chatting ,,,,, photography ,,, Sketching ...trekking. DRAMATICS (ACTING/Writing/Direction)....etc etc...these things define me ! Peace! Change the world
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